नई दिल्ली । भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी कंपनी रिलायंस कैपिटल की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को डीजीजीआई ने 922.58 करोड़ रुपये टैक्स डिमांड भेजा है। कंपनी को इस बारे में कई कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। रिलायंस कैपिटल अभी इनसॉलवेंसी में है।
हिंदूजा ग्रुप ने उसके लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है लेकिन अभी इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। पहले दौर में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी टॉरेंट ग्रुप ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। डीजीजीआई ने 4 अलग-अलग मामलों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को टैक्स नोटिस भेजे हैं। इनमें 478.84 करोड़, 359.70 करोड़, 78.66 करोड़ और 5.38 करोड़ रुपये टैक्स की डिमांड की गई है। ये नोटिस रि-इंश्योरेंस और को-इंश्योरेंस से आने वाले रेवेन्यू से संबंधित हैं। इस बारे में कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया है। प्रॉफिट में चल रही इस कंपनी की रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में 70 परसेंट हिस्सेदारी है। बैंकरों का कहना है कि इससे कंपनी की वैल्यूएशन पर असर पड़ सकता है। हिंदूजा ग्रुप ने 9 हजार 800 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है। इसमें करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। पहले राउंड में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी।