Home खेल भारतीय निशानेबाजों ने फिर किया कमाल, जीता स्वर्ण

भारतीय निशानेबाजों ने फिर किया कमाल, जीता स्वर्ण

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एशियाई खेल 2023 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। खासकर भारतीय निशानेबाजों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। शूटिंग में भारत को अब तक 13 पदक मिल चुके हैं। भारत ने कुल 24 पदक जीते हैं। इनमें आधे से ज्यादा पदक शूटिंग में आए हैं। भारतीय निशानेबाज चार स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं, जबकि भारत की झोली में कुल छह स्वर्ण हैं।

एशियाई खेल के पांचवें दिन भारतीय पुरुष निशानेबाजों की टीम ने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सरबजोत सिंह, शिव नरवाल और अर्जुन सिंह चीमा की भारतीय तिकड़ी ने कुल 1734 के साथ चीन को एक अंक से हराकर टीम स्वर्ण जीता। वियतनाम ने 1730 के साथ कांस्य पदक जीता। सरबजोत (580) और अर्जुन (578) क्रमशः 5वें और 8वें स्थान पर रहे और व्यक्तिगत स्पर्धा फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। शिवा (576) 14वें स्थान पर रहे।

भारतीय पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने धीमी शुरुआत से उबरते हुए स्वर्ण पदक जीता। सरबजोत सिंह, अर्जुन सिंह चीमा और शिवा नरवाल की तिकड़ी ने मिलकर 1733 अंकों के साथ टीम स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने चीन को केवल एक अंक से हराया, जिसमें सरबजोत और नरवाल ने एक सही शॉट (10) हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल किया। सरबजोत और चीमा ने भी शानदार वापसी के बाद शीर्ष आठ में जगह बनाकर व्यक्तिगत फाइनल में अपनी जगह पक्की की। सरबजोत सिंह कुल 530 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहे, जबकि चीमा 578 के साथ आठवें स्थान पर थे। हालांकि, नरवाल 576 अंक के साथ 14वें स्थान पर रहे और फाइनल में जगह नहीं बना पाए।

इन तीनों निशानेबाजों की शुरुआत कुछ खास नहीं थी और फाइनल में पहुंचने के लिए तीनों को काफी बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत थी। निशानेबाजी में टीम के पदक खिलाड़ियों के निजी स्कोर को मिलाकर तय किए जाते हैं। ऐसे में टीम का ज्यादा योगदान नहीं होता। जिस देश के खिलाड़ी निजी रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं, वही टीम पदक जीतती है, लेकिन भारतीय निशानेबाजों ने इसे गलत साबित किया। शुरुआत में पिछड़ने के बाद तीनों ने दमदार वापसी की और दो खिलाड़ी फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। तीसरे खिलाड़ी फाइनल से चूक गए, लेकिन अंत में शानदार शॉट हासिल कर देश को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम योगदान दिया।

नियम के अनुसार एक देश के दो ही खिलाड़ी फाइनल में पहुंच सकते हैं। ऐसे में शिवा शीर्ष खिलाड़ियों में भी होते तो फाइनल में जगह नहीं बना पाते, क्योंकि बाकी दोनों भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन उनसे बेहतर था।

भारतीय खिलाड़ियों ने की दमदार वापसी

सरबजोत और नरवाल की धीमी शुरुआत के बाद प्रतियोगिता का आधा समय खत्म होने के बाद आधे समय तक भारत टीम में छठे या सातवें स्थान पर था। लेकिन जैसे-जैसे क्वालीफिकेशन खत्म होने के करीब आया, भारतीयों ने बेहतर प्रदर्शन किया। जल्द ही टीम इंडिया रजत पदक जीतने की स्थिति में आ गई और दो खिलाड़ी व्यक्तिगत स्पर्धा में फाइनल के करीब पहुंच गए। सिंह ने दो 95 के शॉट के साथ शुरुआत की लेकिन इसके बाद 97, 98, 97 और 98 के स्कोर बनाए।

चीन ने उज्बेकिस्तान को पीछे छोड़ दिया था और स्वर्ण की रेस में सबसे आगे चल रहा था। भारत को स्वर्ण जीतने के लिए 10 के स्कोर की जरूरत थी और दो भारतीय निशानेबाजों ने 10 का स्कोर हासिल कर भारत को चीन पर एक अंक से बढ़त दिला दी। पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें भारत ने पिछले एशियाई खेलों में चमक बिखेरी थी, जिसमें 16 वर्षीय सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा ने भारत के लिए ऐतिहासिक पदक जीते थे।