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नवाचार, रचनात्मकता और आजीवन सीखने की भावना होनी चाहिए विद्यार्थियों में-  विश्वभूषण हरिचंदन

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रायपुर :  शिक्षा एक आजीवन यात्रा है और सीखने की प्रक्रिया कभी नहीं रुकनी चाहिए। विद्यार्थियों में नवाचार, रचनात्मकता और आजीवन सीखने की भावना होनी चाहिए। विद्यार्थी अपने कौशल को लगातार बढ़ाने, अपने क्षितिज को व्यापक बनाने और अपने संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम प्रगति से अवगत रहने के अवसरों की तलाश करें। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने आज आई.टी.एम. विश्वविद्यालय रायपुर के दीक्षांत समारोह में यह उद्गार व्यक्त किए।

आई.टी.एम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को 13 गोल्ड मेडल सहित 377 उपाधियां वितरित की गई। केन्द्रीय भंडार के सीईओ और एमडी श्री मुकेश कुमार, आई.टी.एम के प्रोफेसर आर.एस.एस मनी और कर्नाटक संगीत विशेषज्ञ श्रीमती जी. शारदा सुब्रमण्यम को विश्वविद्यालय की मानद उपाधि प्रदान की गई ।

आई.टी.एम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

कार्यक्रम में राज्यपाल श्री हरिचंदन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि यह दीक्षांत समारोह न केवल विद्यार्थियों की सफलता का उत्सव है, बल्कि प्रत्येक के अंदर मौजूद अपार संभावनाओं का भी परिचायक है। शिक्षा सदैव सामाजिक प्रगति के लिए प्रेरक शक्ति रही है। इसमे बाधाओं को तोड़ने, मानदंडों को चुनौती देने और अवसर पैदा करने की शक्ति है। विश्वविद्यालय की शिक्षा यात्रा आपके भविष्य को आकार देगा, आपके द्वारा अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए होगा।

आई.टी.एम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

श्री हरिचंदन ने कहा कि हम एक तेज और गतिशील दुनिया में रह रहे हैं, जहां तकनीकी प्रगति और वैश्वीकरण, उद्योगों और व्यवसायों को नया आकार दे रहा है। अपने चुने हुए क्षेत्रों में प्रासंगिक बने रहने और आगे बढ़ने के लिए इन परिवर्तनों को अपनाना आवश्यक है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि अपनी शिक्षा और ज्ञान का उपयोग व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों के उत्थान के लिए भी करें। जिम्मेदार नागरिक बनें और हमारे महान राष्ट्र के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दें।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने विद्यार्थियों से कहा कि वे देश के गर्व को न भूलें। हमारा देश आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। बहादुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीरों जिन्हांेने देश के लिए अपना जीवन बलिदान दिया है ,उनके सम्मान में श्री मोदी जी की पहल पर मेरा माटी मेरा देश अभियान चलाया गया। हाल ही में भारत में जी-20 देशों के सम्मेलन के सफल आयोजन ने दुनिया में भारत की साख बढ़ाई।

समारोह में दीक्षांत भाषण भाभा परमाणु रिसर्च इंस्टीट्यूट अंतर्गत स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज इन न्यूक्लियर एण्ड टेक्नोलॉजी के चेयरमेन (मानद) एवं पद्मविभूषण से सम्मानित डॉ. आर. चिदम्बरम ने दिया। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन आई.टी.एम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर डॉ. पी. वी. रमन्ना ने किया। कुलपति डॉ. सुमेन सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के चेयरमेन ड़ॉ उमेश कुमार मिश्रा, विश्वविद्यालय की डायरेक्टर जनरल सुश्री लक्ष्मी मूर्ति, विश्वविद्यालय के अन्य प्रोफेसर, फैकल्टी मेंबर, विद्यार्थी एवं उनके पालकगण उपस्थित थे।