केरल । केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को सभी स्कूल-कॉलेज दो दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। यहां निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक 9 साल का बच्चा आईसीयू में है। एक स्वास्थ्य कर्मचारी में भी निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। इसी के साथ केरल में निपाह के अब तक पांच मामले सामने आ चुके हैं। गुरुवार को सेंट्रल हेल्थ टीम केरल के कोझिकोड पहुंची है। ये टीम जिला प्रशासन के साथ निपाह वायरस को लेकर बैठक करेगी।
बुधवार को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की एक टीम ने निपाह वायरस की जांच के लिए मरुथोंकारा गांव से सुपारी और अमरूद के सैंपल लिए। इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि प्रदेश में जिस वायरस की पुष्टि हुई है, वह बांग्लादेशी वैरिएंट है। यह इंसानों से इंसानों में फैलता है। इस वायरस से मृत्यु दर अधिक है, पर ये कम संक्रामक है।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है। मेडिकल डिपार्टमेंट ने जिले में केरल से आने वाले फलों की जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही गाडिय़ों की जांच के लिए सीमाओं पर चेकपोस्ट बनाने को कहा है। मंगलुरु में ब्रेन फीवर की आशंका वाले मरीजों को ऑब्जर्वेशन में रखने को कहा गया है।
कोझिकोड में निपाह वायरस से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई थी। वायरस को लेकर केरल के चार जिले- कोझिकोड, कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम अलर्ट पर है। अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यहां की 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। सुबह 7 से शाम 5 बजे तक सिर्फ दवाइयों और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की इजाजत है।
केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने कहा कि निपाह वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। कोझिकोड में 2018 जितने खराब हालात नहीं हैं। तब यह वायरस हमारे लिए नया था और इससे निपटने का कोई अनुभव भी हमारे पास नहीं था। अब हमारे पास इसे रोकने के लिए जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं। कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में 2018 में निपाह वायरस से 17 लोगों की मौत हुई थी। 2019 में निपाह वायरस का मामला कोच्चि में सामने आया था। वहीं, 2021 में भी कोझिकोड में इसका एक केस मिला था।