Home राजनीति महाराष्ट्र में अभी शरद-अजीत गुट किसने नहीं बताई समर्थित विधायकों की संख्या 

महाराष्ट्र में अभी शरद-अजीत गुट किसने नहीं बताई समर्थित विधायकों की संख्या 

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मुंबई । साफ हो चुका हैं, कि शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों में ज्यादातर ने बीजेपी से हाथ मिलाने वाले महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट में जाने का फैसला किया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष दायर अयोग्यता याचिकाओं ने साबित कर दिया है कि शरद पवार के पास केवल 11 विधायकों का समर्थन शेष है, जबकि 41 विधायकों ने उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को समर्थन किया है। अपने चाचा शरद के खिलाफ बगावत करके अजित पवार ने जुलाई में बीजेपी से हाथ मिलाया था। 
रिपोर्ट के मुताबिक अजित की बगावत के बाद से न तब उनके और न ही शरद पवार के गुट ने अपने-अपने पक्ष का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या जाहिर की हैं। एनसीपी के भीतर विद्रोह के दो महीने से अधिक समय के बाद अंततः दोनों पक्ष अपने समर्थक विधायकों की संख्या की पुष्टि करने में कामयाब रहे हैं। जो लोग वर्तमान में शरद पवार के साथ खड़े हैं, उसमें जयंत पाटिल, जीतेंद्र अव्हाड़, रोहित पवार, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, बालासाहेब पाटिल, संदीप क्षीरसागर, सुनील भुसारा, सुमंताई पाटिल, प्राजक्त तनपुरे और अशोक पवार शामिल हैं। एनसीपी के पास 53 विधायक हैं, जिसमें अब 41 अजित के साथ हैं जबकि 11 शरद पवार के साथ हैं। 
हाल ही में जमानत पर रिहा होने वाले एनसीपी विधायक नवाब मलिक को अयोग्यता नोटिस नहीं दिया गया है। हालांकि उन्होंने अभी तक अपना राजनीतिक रुख घोषित नहीं किया है। 7 सितंबर को शरद के नेतृत्व वाली एनसीपी ने एक तीसरा पत्र पेश किया, जिस पर विधायक जितेंद्र अव्हाड़ ने हस्ताक्षर किया था। इसमें 11 और विधायकों का नाम था, जिसमें अध्यक्ष नार्वेकर से उन्हें अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया गया था। यह पहले से पेश 29 नामों के अलावा था। अव्हाड़ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्पीकर को एक नया पत्र सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि 9 एनसीपी विधायकों ने 2 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी। उनकी पहली सूची उसी दिन नार्वेकर को उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए सौंपी गई थी। 
बाद में 20 और नामों के साथ एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष पाटिल के हस्ताक्षर वाला एक और पत्र विधानसभा अध्यक्ष को पेश किया गया। पार्टी ने तब चार एमएलसी के नाम भी अयोग्यता के लिए घोषित किए थे, जिसमें सतीश चव्हाण, विक्रम काले, अनिकेत तटकरे और अमोल मिटकारी शामिल हैं। आव्हाड़ के पत्र में पार्टी ने एक और एमएलसी, रामराजे नाइक-निंबालकर का नाम भी शामिल है। 
गौरतलब है कि अजित गुट ने एनसीपी की पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा कर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इस लेकर आयोग ने शरद गुट से जवाब मांगा था। पवार गुट के सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपना जवाब दाखिल करने के लिए करीब 14 दिनों की मोहलत मांगी थी। शरद पवार गुट के एक नेता ने कहा कि अयोग्यता याचिका में नाम डालने से पहले 11 विधायकों को अतिरिक्त समय देना था। उनके नाम अजित पवार के पक्ष में जाने के बाद जोड़े गए।