नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सनातन धर्म को लेकर खुद मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने अपने मंत्रियों को दो बड़े संदेश दिए। पीएम मोदी ने हृष्ठ्र के मंत्रियों से कहा कि सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान का सही से (तथ्यों के साथ) जवाब दिया जाए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत और इंडिया विवाद पर मंत्रियों को कुछ न बोलने की हिदायत दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही अपने मंत्रियों से कहा कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई भी मंत्री जी-20 की बैठक पर न बोले। पीएम मोदी की इन टिप्पणियों से साफ हो गया कि सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान को बीजेपी बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में है। दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की बात कही थी। इसपर बीजेपी के साथ-साथ धर्म गुरुओं ने भी उदयनिधि को घेरा हुआ है।
भारत और इंडिया मामले पर मंत्रियों को दी हिदायत
भारत की अध्यक्षता में 9 से 10 सितंबर तक दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे। 9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी-20 रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा। इसके निमंत्रण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रेसीडेंट ऑफ भारत के तौर पर संबोधित किया गया है। विपक्षी दलों ने प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखे जाने पर आपत्ति जताई है। उनका दावा है कि केंद्र सरकार विपक्षी गठबंधन इंडिया से डरकर देश का नाम बदलने की कोशिश कर रही है।