श्रीलंका ने 1996 में वनडे विश्व कप ट्राफी अपने नाम की, इसमें टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज सनथ जयसूर्या की भूमिका अहम रही थी। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से प्रभावशाली प्रदर्शन किया और टीम को विश्व विजेता बनाने में अपना योगदान दिया। जयसूर्या को उनके आलराउंड प्रदर्शन के कारण प्लेयर आफ द सीरीज चुना गया था।
वनडे में बदला था खेल का तरीका-
सनथ जयसूर्या ने पावरप्ले में अपने तेज खेल से वनडे में खेलने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया था। 1992 में आइसीसी ने पावरप्ले नियम में बदलाव किया था और इसे 15 ओवर का कर दिया था। पावरप्ले के दौरान दो फील्डरों को 30 यार्ड घेरे से बाहर रहने की अनुमति थी।
1996 विश्व कप में दिलाई टीम को अच्छी शुरुआत-
जयसूर्या ने 1996 विश्व कप में टीम को तेज शुरुआत दिलाई और अपने खेल को अलग स्तर पर ले गए। जयसूर्या और उनके ओपनिंग जोड़ीदार रोमेश कालूविथराना ने पावरप्ले में अपनी तूफानी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया था। हालांकि ऐसा नहीं था कि हर बार जयसूर्या बड़ा स्कोर बनाने में सफल रहे थे। कई बार वह तेजी से खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवा देते थे, लेकिन जयसूर्या ने इस नियम का जमकर फायदा उठाया था।
क्वार्टर फाइनल में खेली यादगार पारी-
जयसूर्या का 1996 विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंग्लैंड के विरुद्ध क्वार्टर फाइनल मैच रहा, जहां उन्होंने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए महज 44 गेंदों पर 82 रन बनाए थे। उनकी इस आतिशी पारी ने ही श्रीलंका को सेमीफाइनल में पहुंचाया था। हालांकि जयसूर्या सेमीफाइनल और फाइनल में बल्ले कुछ कमाल नहीं दिखा पाए थे।
ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने श्रीलंका में अपने मैच नहीं खेले थे, जिस कारण सह मेजबान का वाकओवर मिला था। जयसूर्या ने 1996 विश्व कप में 221 रन बनाए थे और सात विकेट भी लिए थे।