नई दिल्ली । सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के करोड़ों जमाकर्ताओं की करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई लौटाने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी। इस दौरान 112 छोटे निवेशकों को 10 हजार रुपये की पहली किस्त हस्तांतरित की गई। शाह ने कहा कि अब तक 18 लाख जमाकर्ताओं ने 18 जुलाई को लॉन्च किए गए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
उन्होंने कहा, अब तक 18 लाख निवेशकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। आज 112 निवेशकों के बैंक खाते में करीब 10000 रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। शाह ने कहा कि ऑडिट पूरा होने के बाद धन की अगली किस्त जल्द ही हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने जमाकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा, मैं आश्वस्त करना चाहता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में सभी जमाकर्ताओं को उनका धन मिल जाएगा। शाह ने कहा कि कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं जो सहकारिता पर विश्वास को हिला देती हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे और उन्हें वापस मिले।
उन्होंने कहा कि सहारा के जमाकर्ताओं को प्रबंधन की गलती और अदालती मुकदमों में देरी के कारण पिछले 12-15 साल से उनका पैसा वापस नहीं मिल रहा था। शाह ने सेबी-सहारा कोष से 5,000 करोड़ रुपये हासिल करने के लिए सहकारिता मंत्रालय की ओर से किए गए प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सीबीआई और आयकर विभाग सहित सभी संबंधित सरकारी निकायों को लाने की पहल की और उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक साझा अपील की कि छोटे निवेशकों को धन पर पहला अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर हमें देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करना है, तो हमें सहकारी समितियों में विश्वास को मजबूत करना होगा।