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FD के बदल चुके हैं नियम, जान लें नया रूल, नहीं तो घर बैठे हो जाएगा नुकसान

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रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोतरी से जहां एक तरफ कर्ज महंगा हो गया है, वहीं दूसरी ओर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) कराने वाले निवेशकों की चांदी हो गई है. तमाम बैंकों ने एफडी (FD) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. इससे पहले भी बैंकों ने इस साल जनवरी से एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था. मई महीने में दूसरी बार बढ़ोतरी हुई है.

ब्याज दरें बढ़ने की वजह से एफडी पर पहले से ज्यादा ब्याज मिलने लगा है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरें और बढ़ेंगी. इससे निवेशक इसकी ओर ज्यादा आकर्षित होंगे. अगर आप भी बढ़ी ब्याज दरों का फायदा उठाने की सोच रहे हैं और एफडी करवाने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातें जान लेना आपके लिए जरूरी है.

रिजर्व बैंक ने बदले एफडी के नियम
रिजर्व बैंक ने एफडी से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है. ऐसे में एफडी करवाने से पहले बदले नियम के बारे में जान लेना निवेशकों के लिए जरूरी है, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ेगा. अगर आपने पहले से एफडी करवा रखी है और वह मैच्योर नहीं हुई है तो भी आपके लिए नया नियम जानना जरूरी है. नए नियम के मुताबिक, एफडी की मैच्योरिटी पूरी होने पर अगर आप उस राशि का दावा नहीं करते हैं तो आपको उस पर कम ब्याज मिलेगा.

कितना मिलेगा ब्याज
अब अगर एफडी की अवधि पूरी हो जाने पर आपने पैसा नहीं निकाला तो उस एफडी पर जो ब्याज आपको देने की गारंटी बैंक ने दी थी, वह नहीं मिलेगी. उस एफडी की ब्याज दर की बजाय सेविंग अकाउंट पर जो ब्याज दर मैच्योरिटी के समय बैंक दे रहा है, वही ब्याज आपको मिलेगा. इसलिए अब आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप मैच्योरिटी के तुरंत बाद अपना पैसा निकाल लें.