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भूमकाल आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान और स्वतंत्रता की लड़ाई का प्रतीक : भूपेश बघेल

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमकाल दिवस के एक दिन पहले बुधवार को रायपुर निवास कार्यालय से नगर पालिका कांकेर के घड़ी चौक में स्थापित अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमर शहीद गुण्डाधुर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने बस्तर में भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया। भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में प्रारंभ हुआ था। यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों से लोहा लिया। वो अंग्रेजों के सामने झुके नहीं। उन्होंने आदिवासी समाज को जोड़ा। विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े। संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, नगरपालिका कांकेर अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर, जिला पंचायत कांकेर अध्यक्ष हेमन्त ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पार्षद, गोंडवाना समाज के अनेक पदाधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक इस अवसर पर कांकेर में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि 1857 की क्रांति के पहले ही परलकोट के राजा अमर शहीद गैंद सिंह ने 1925 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फंूका। 1857 की लड़ाई में अमर शहीद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। हमारे इन जननायकों ने अपनी आजादी की किसी भी कीमत पर गिरवी नही रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हमारे इन वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अमूल्य योगदान जिस तरह रेखांकित होना था, वैसा रेखांकित नही हो पाया। अब हमारा आदिवासी समाज जागृत हो रहा है और इन वीरों के योगदान को रेखांकित करने के साथ उनका स्मरण कर रहा है।