Home छत्तीसगढ़ बच्चों को घर-घर जाकर शिक्षिकाओं द्वारा दिया जा रहा प्रोजेक्ट वर्क

बच्चों को घर-घर जाकर शिक्षिकाओं द्वारा दिया जा रहा प्रोजेक्ट वर्क

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नारायणपुर 9 जून, 2021

नारायणपुर कोरोना महामारी के कारण विगत 2 वर्षों से स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति बनी हुई है ऐसे में शिक्षकों द्वारा तरह-तरह के  नवाचारों का उपयोग करते हुए बच्चों को सुरक्षित अपने घरों में रहते हुए नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा  हैं। इसके अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नई पहल के साथ ग्रीष्म अवकाश में भी बच्चों को सक्रिय रखने और अपने परिवेश से जोड़े रखने के उद्देश्य से आमाराइट प्रायोजना के नाम से प्रोजेक्ट कार्य देने हुए बच्चों में शिक्षा के प्रति जुड़ाव बनाए रखने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। आमाराइट के अंतर्गत बच्चे अपने पालको शिक्षकों से सहयोग लेते हुए समान जानकारी प्राप्त कर प्रोजेक्ट फाइल तैयार कर रहे हैं ।
               गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन  स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 1 जून से 30 जून 2021 तक के लिये आमाराइट प्रयोजना कार्य चलाकर गर्मी की छुट्टियों में भी बच्चों को शिक्षा से जोडे़ रखने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। बच्चों द्वारा प्रयोजना कार्य पूर्ण कर शिक्षकों के पास जमा करेंगे, उसी के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन होगा। इसकेे फलस्वरूप नारायणपुर जिले में भी आमाराइट प्रायोजना कार्य की शूरूआत शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है जिसमें आज दिनांक 8 जून2021 को संकुल केंद्र नारायणपुर अंतर्गत प्राथमिक शाला गुडरापारा के शिक्षिका श्रीमती कविता हिरवानी, एवं श्रीमती किरण नेताम के द्वारा शाला के बच्चों के घर-घर जाकर आमाराइट प्रयोजना के प्रश्नों का प्रिंट आउट निकालकर बच्चों को प्रोजेक्ट लिखने के लिए पेपर का वितरण किया जा रहा है। शिक्षिका श्रीमती कविता हिरवानी ने बताया कि शाला मे अध्ययन रत बच्चे चुकी ग्रामीण परिवेश से और बहुत से बच्चे जो नक्सली पिढीत परिवार के है ऐसे मे  बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस कोरोना काल में यह कार्य और भी कठिन हो गया है लेकिन शिक्षा विभाग नारायणपुर और शिक्षा विभाग नारायणपुर के अधिकारियों के सतत् मार्गदर्शन में बच्चों को सुरक्षित और नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। शिक्षको द्वारा सराहनीय कार्य करते हुये शिक्षा को सुगम बनाने का प्रयास सदा ही अनुकरणीय रहा है। उल्लेखनीय है कि इन शिक्षकों द्वारा बच्चों के घर घर जा कर बच्चों को प्रायोजना कार्य देने के साथ साथ प्रोजेक्ट पूर्ण करने मे मदद भी किया जा रहा है।