

-अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा कार्य कर रही महिलाओं ने साझा किये अपने विचारrnrnदुर्ग / अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दुर्ग भिलाई एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स ने वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से महिला चिकित्सकों एवं अन्य पेशों में सफलता अर्जित करने वाली महिलाओं के अनुभव जाने एवं उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर एकेडमी की सेक्रेटरी डाॅ. सीमा जैन ने कार्यक्रम के उद्देश्यों से विस्तार से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्रम में इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स की पहली महिला प्रेसीडेंट डाॅ. स्वाति भावे ने विस्तार से समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इन गुणों की वजह से और अपने परिवार के सतत सहयोग से वे जीवन में सफलता की राह पर आगे बढ़ती गई। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने यह साबित किया है कि हर मोर्चे पर यदि कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता दूर नहीं होती। इस मौके पर भारतीय वन सेवा की अधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने पब्लिक सर्विसेज के अपने अनुभवों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की परीक्षा के माध्यम से सिस्टम में आने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। बहुत सारी बाधाएं होती हैं लेकिन लक्ष्य पर निगाह रखकर किये गये सतत प्रयासों से मंजिल प्राप्त होती है। ह्यूमन राइट्स से जुड़ी डाॅ. अमिता बिसारे ने इस मौके पर कहा कि चुनौतियों का सामना कर उन्हें चुनौती देकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार संघर्ष करते रहना और अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा से पालन करने से जिंदगी में हर लक्ष्य हासिल किये जा सकते हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एकेडमी की दुर्ग भिलाई विंग की प्रेसीडेंट डाॅ. संबिता पंडा एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय सेक्टर-9 की शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एकेडमी की कन्वीनर डाॅ. माला चैधरी का विशेष योगदान रहा । कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. जी मालिनी ने किया। इस मौके पर डाॅ. अरविंद सावंत, प्रतिनिधि सेंट्रल आईएपी, डाॅ. मधुश्री देशपांडे, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ रायपुर, डाॅ. एनएस ठाकुर एवं डाॅ. उमेश खुराना, डाॅ. शारदा फुलझेले, मेडिकल कालेज रायपुर विशेष रूप से शामिल रहे।








