दुर्ग /माहवारी का सीधा संबंध महिलाओं के स्वास्थ्य से है। अक्सर महिलाएं अपनी सेहत के इस महत्वपूर्ण विषय के प्रति लापरवाही बरतती हैं। माहवारी के दौरान अपना ख्याल न रखने और साफ-सफाई का ध्यान न रखने के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। खासकर किशोरी बालिकाओं को माहवारी प्रबंधन के बारे में जागरुक होना बहुत जरूरी है। क्योंकि आज की किशोरी ही भविष्य में एक माँ की भूमिका निभाएगी। सुरक्षित मातृत्व के लिए सुरक्षित माहवारी प्रबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए शुरुआत से ही किशोरियों को अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
महिलाओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सेनेटरी पैड्स के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से
स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के तहत विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें स्वच्छता ग्राही महिला स्वःसहायता समूहों की दीदियाँ गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को माहवारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और सेनेटरी पैड्स के उपयोग के फायदों के बारे में बता रही हैं।
स्वच्छता ग्राही समूह की दीदियां कपड़े के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताती हैं। सेनेटरी पैड के इस्तमाल से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा माहवारी के दौरान अपनी सेहत का कैसे ख्याल रखे, उचित खान पान और व्यायाम आदि के बारे में भी समूह की दीदियां ग्रामीण महिलाओं को दे रही है।
गांव-गांव जाकर महिलाओं को उपलब्ध करा रही हैं सेनेटरी पैड्स
माहवारी स्वच्छता अभियान का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट है ग्रामीण महिलाओं को सस्ते दर पर अच्छी गुणवत्ता के सेनेटरी पैड्स उपलब्ध कराना। इसलिए स्वच्छता ग्राही स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा न केवल साफ-सफाई के बारे में जागरुक किया जा रहा है बल्कि गांव महिलाओं तक पहुँचकर उन्हे सैनेटरी पैड्स उपलब्ध भी कराया जा रहा है। महिलाओं को घर-घर जाकर सेनेटरी पैड्स उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं ने गंदे कपड़ों को त्याग कर सेनेटरी पैड्स को अपनाया है। जिला पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक माहवारी स्वच्छता प्रबंधन अंतर्गत जिले में कुल 25 स्वच्छताग्राही स्वःसहायता समूहों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में कार्य करने हेतु चयनित कर 25.00 लाख रुपए आबंटित किए गए हैं। इन 25 समूहों के माध्यम से जिले के सभी 385 ग्रामों तक पहुंच स्थापित कर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन हेतु महिला स्वःसहायता समूहों को ग्रामवार जोड़ा गया है। स्वच्छाग्राही स्वसहायता समूहों से समन्वय बनाने के लिये 15 से 16 ग्राम पंचायतों का क्लस्टर बनाया गया है। 25 समूहों को इन क्लस्टरों से समन्वय बना कर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है।
महिलाओं को 7 लाख रूपए का सेनेटरी पैड बेचकर 1.50 लाख रुपए आमदनी
इस कार्यक्रम का उद्देश्य माहवारी स्वच्छता के लिए जागरुक करने के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना भी है। ताकि कार्य के प्रति उनकी रुचि भी बनी रहे। इन 25 समूहों के माध्यम से अब तक जनपद पंचायत दुर्ग में 1.50 लाख, धमधा में 1.00 लाख एवं पाटन में राशि 4.50 लाख कुल इस प्रकार कुल 7.00 लाख रुपए के सेनेटरी पैड्स का विक्रय किया जा चुका है। इस काम में समूहों को 1.50 लाख रुपए की आमदनी भी हुई है। मगर यह केवल आर्थिक लाभ की बात नहीं है। बड़ी बात है कि महिलाओं में व्यवहार परिवर्तन आ रहा है और वे अपनी सेहत के प्रति जागृत हो रही हैं।
क्वारेंटाईन सेंटरों में निःशुल्क सेनेटरी पैड भी कर रही वितरित
स्वच्छताग्राही स्वःसहायता समूहों द्वारा कोविड 19 संकट के दौरान क्वारेंटाईन सेंटरों में रहने वाली महिलाओं को भी निःशुल्क सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। जिससे इन महिलाओं को माहवारी के दौरान परेशानी न हो।

