

धमतरी। बसपा जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे ने कहा कि गोंडवाना का स्वर्णिम इतिहास साक्षी है कि गोंडवाना की भूमि वीर माताओं की बलिदान तथा आदर्श विदुषी नारियों की भूमि रहा है, उनमें से एक नाम वीरांगना रानी दुर्गावती का भी है। इन्होंने 1549-1564 ईसवीं तक पन्द्रह साल गोंडवाना राज्य की जनसमुदाय को सुख-समृद्धि, अमन-चैन और साहस से भरकर उन्होंने अपना राज-काज संचालित किया। सामाजिक योगदान-इन्होंने किसानों के हित में सिंचाई, पीने का पानी तथा कुंए, बावली, तालाब, नहर एवं धर्मशालाओं का निर्माण किया। इनके शासन काल में प्रजा पूर्ण रूप से खुशहाल एवं आर्थिक रूप से सम्पन्न था। रानी दुर्गावती का स्वदेश प्रेम, उदारता, बहुमुखी, व्यत्तिगत साहस और आत्मविश्वास संपूर्ण मानव जाति के लिए अनुकरणीय है। वह ऐसी ज्योति बन गई जिसके प्रकाश में प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रकाशित होता रहेगा रानी ने आत्मसमर्पण करने के स्थान पर अंतिम क्षण तक संघर्ष का अनुगमन किया, नारी होकर वह अपनी कीर्ति इस संसार में छोड़ गयी जब तक इस संसार में वीरता का सम्मान है तब तक वह वीरांगना की याद में श्रद्धांसुमन अर्पित होती रहेगी रानी की यशोगाधा के कारण ही मध्यप्रदेश शासन ने सन् 1983 में जबलपुर विश्विविद्यालय का नाम, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय रखा।rnइस तरह वीरांगना रानी दुर्गावती की अद्भुत वीरता, समाज सेवा, राष्ट्रीय भक्ति की विलक्षण प्रतिभा पूरे जनसमुदाय, मातृभूमि वह देश को गौरवान्वित किया ऐसे महान विभूतियों के वंशज अपनी ही धारा पर अत्यधिक शोषित, पीडि़त व आतंकित हैं, ऐसी स्थिति में उनकी ऐतिहासिक स्मृतियों से समाज को एक नई ऊर्जा मिलेगी। आदिवासी समाज, उनके समाज में योगदान को हमेशा आदर व सम्मान करता रहेगा।rn——————–







