

दुर्ग ग्रामीण युवा कोंग्रेस के दीप सारस्वत ने कहा है केंद्र की मोदी सरकार द्वारा करोना संकटकाल में प्रवासी मजदूरों को उनके जिले में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरु किये गए 50 हज़ार करोड़ की गरीब कल्याण रोजगार योजना में देश के 166 ज़िले को शामिल किया गया है परंतु छत्तीसगढ़ के एक भी ज़िले को शामिल नही किया गया है । छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सांसद भाजपा के उसके बाद भी छत्तीसगढ़ के लोगों वे इसका फायदा नहीं दिला पाएं। ये छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय है, और हमें यह साफ दिखता है की केन्द्र की मोदी सरकार कैसे छत्तीसगढ़ के साथ सोतेला व्यवहार कर रही है। और ऐसा करके केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के गरीब मज़दूर किसान को उनके हक़ से वंचित कर रही है ।nnकरोना संकटकाल में विषम परिस्थिति से गुजर रहे देश के गरीब मज़दूर किसानो को चाहे वह जिस भी प्रदेश से भी हो सबको समान दृष्टि से केंद्र सरकार के द्वारा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मदद करनी चाहीय ।nnदीप ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में दूसरों राज्यों से ढाई लाख से अधिक प्रवासी मज़दूरों की वापसी हुई है ऐसे समय में इनको जीवन यापन के लिए रोज़गार की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मनरेगा के माध्यम से इन सभी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही हैं। देश में मनरेगा के 37 प्रतिशत कार्य पूर्ण करा कर आज छत्तीसगढ़ मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में देश में टॉप पर हैं।nnफिर भी केन्द्र सरकार के द्वारा जारी किए गए इस गरीब कल्याण रोजगार योजना में छत्तीसगढ़ के जिलों को भी शामिल करना चाहिए। केंद्र सरकार के द्वारा शुरु किये गए हर योजना पर छत्तीसगढ़ के लोगों का भी हक हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में अगर छतीसगढ़ को भी शामिल किया जाता तो यहाँ के गरीब मज़दूरों के लिए रोजगार जुटना असान होता। छत्तीसगढ़ के लोगों के द्वारा और यहां के भाजपा के सांसद एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष में अनुदान राशी जमा किया गया हैं और उसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल नहीं करना, केंद्र की मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ के प्रति सौतेला व्यवहार दर्शाता है।







