

बस्तर. लाल आतंक के गढ़ बस्तर (Bastar) में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सुरक्षा बलों के ऑपरेशन बारिश में भी लगातार जारी रहेंगे. बीते दो सालों से माओवादियों (Naxali) के खिलाफ फोर्स द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन जारी हैं. इससे पहले बारिश के समय में बस्तर के नदी-नाले सहित घने जंगलों को देखते हुए चार महीने के लिए ऑपरेशन को रोक दिया जाता था. लेकिन दो सालों से बारिश के समय भी ऑपरेशन जारी है. मानूसन का समय नजदीक है. ऐसे में माओवादियों को घेरने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. हालांकि इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के चलते फोर्स के मूव्हमेंट को बड़ी सावधानी के साथ किया जा रहा है.rnrnबस्तर रेंज के आईजी पी सुन्दरराज ने हुए बताया है कि इस बार ऑपरेशन को किसी तरह का कोई नाम नहीं दिया जा रहा है. ऑपरेशन पिछली बारिश में चल रहे थे. कुछ उसी तरह के ऑपरेशन इस बार भी जारी रहेंगे. आईजी के मुताबिक पिछले कुछ सालों से बस्तर में एक अच्छी रणनीति के तहत एक के बाद एक सफल ऑपरेशन चलाए जा चुके हैं जिसमें सुरक्षाबलों को काफी सफलताएं भी मिली है. बताया जा रहा है कि बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों के अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर भी चलाए गए ऑपरेशन में फोर्स को काफी सफलताएं मिली हैं.rnrnफोर्स ने बनाई खास रणनीतिrnrnआईजी पी सुन्दरराज ने बताया कि अभी हाल के दिनों में चलाए गए ऑपरेशन में अब तक आधा दर्जन के आसपास हार्डकोर माओवादियों को ढेर करने में सुरक्षाबलों को सफलता मिली है. लगातार मिल रही सफलता के पीछे एक बात ये भी है कि अब बस्तर में कई जगहों पर रोड कनक्टीविटी काफी ज्यादा हो गई है. सड़कें काफी बन गई है, ऐसे में जंगलों के अंदर पहुंचने का रास्ता काफी आसान हो गया है. इसके अलावा अत्याधुनिक तकनीक के जरिए जंगल के अंदर माओवादियों की लोकेशन भी बड़ी आसानी से ट्रेस की जा रही हैrnrnआईजी ने बताया कि पिछले कुछ समय से माओवादियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन चलाई गए हैं जिनमें प्रहार मुख्य था. तमाम बातों का ख्याल रखते सुरक्षा एजेसियां लगातार माओवादियों के कोर इलाके में घुसने का प्रयास कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कोर इलाके में घुसने से जो बड़े माओवादी लीडर हैं उन्हें पकड़ा जा सकता है. आने वाले समय में ऐसे ऑपरेशन के जरिए ही माओवादियों को बस्तर से खदेड़ा जाएगा.







