

भिलाई- सामाजिक संगठन आगाज़ ने लाॅकडाउन खुलने के पहले बतौर सावधानी एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये, भारत के प्रधानमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि छत्तीगसढ़ प्रदेश के प्रत्येक घरो से उस एक सदस्य के ‘‘कोरोना संक्रमण’’ की जाँच की जानी चाहिए जो अपने परिवार के अन्य सदस्यो की जरुरतो के लिए लाॅकडाउन के दौरान घर से बाहर निकले है, और वर्तमान में निकल रहे है।
सामाजिक संगठन आगाज़ के अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश तिवारी ने बताया कि ‘‘कोरोना संक्रमण’’ के रोकथाम के लिए सरकार द्वारा दो चरणो में लाॅकडाउन लागू किया गया है, जिसका छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियो ने पूरे अनुशासन के साथ पालन किया, हांलाकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है, फिर भी लाॅकडाउन के दौरान प्रत्येक घर से कोई ना कोई व्यक्ति अपने परिवार के अन्य सदस्यो की जरुरते जैसे बैंक, (पैसो की जरुरत पूरी करने) दूध, राशन, सब्जी या दवाई आदि की व्यवस्था के लिए घर से बाहर निकला है और वह बाहर अन्य व्यक्तियो के संपर्क में भी आया है। ऐसी स्थिति में लाॅकडाउन खुलने से पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रत्येक घरो में जाकर लाॅकडाउन के दौरान बाहर निकलने वाले उस व्यक्ति को चिन्हाकित कर उसके ‘‘कोरोना संक्रमण’’ की जाँच कर लेनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाॅकडाउन के दौरान उस व्यक्ति के बाहर निकलने से कहीं संक्रमण उसे या उसके परिवार के अन्य सदस्यो तक तो नही पहुंचा है, यह जाँच की प्रक्रिया छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ-साथ अन्य सभी प्रदेशो में अपनायी जानी चाहिए, ताकि सम्पूर्ण लाॅकडाउन खुलने के बाद देश एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश वासी पूरी तरह से निश्चिंत होकर सामान्य रुप से अपना जीवन-निर्वाह कर सकें।







