

भिलाई। कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के दौर में ऐसे कई प्रवासी मजदूर हैं, जो अपने मूल निवास पर जाने के बजाए अन्यत्र फंस गए हैं। दुर्ग जिला प्रशासन की पहल पर ऐसे प्रवासी मजदूरों के एक समूह की सुध ली है समाजसेवी संगठन गोल्डन एंपथी (जीई) फाउंडेशन ने।
धमधा तहसील के ग्राम मेड़ेसरा में 60 और ग्राम देवरी के 50 मजदूरों का समूह लाक डाउन के चलते फंसा है और अपने घर नहीं जा पा रहा है। ईटा भट्टा और निर्माण कार्य में लगे इन प्रवासी मजदूरों के समूह को जीई फाउंडेशन ने लॉक डाउन-1 के दौरान भी वांछित मदद की थी।
अब 15 अप्रैल से शुरू हुए लॉक डाउन-2 में फिर एक बार फाउंडेशन ने पहल की है। दुर्ग एसडीएम दिव्या वैष्णव और तहसीलदार रामकुमार सोनकर की उपस्थिति में फाउंडेशन ने बुधवार को इन मजदूरों के बीच चावल, दाल, आटा, तेल, मसाला, नमक, साबुन, आलू, प्याज और सब्जी का वितरण किया। फाउंडेशन के संयोजक प्रदीप पिल्लई के मुताबिक संगठन ने हफ्ते भर बाद फिर इन लोगों को मदद का बीड़ा उठाया है। फाउंडेशन यहां 3 मई तक लाक डाउन की स्थिति में इन मजदूरों को मदद करेगा। इस राहत सामग्री के वितरण में संजय मिश्रा, सुरेश कुमार, पौरुष अवस्थी,खुशबू अग्रवाल,गायत्री गोस्वामी,सोनिया खत्री, थॉमसन गौर, श्रीराम राजपूत,दामिनी देशमुख, सुषमा मिश्रा, श्रेयस कुमार,मृदुल शुक्ला,पूजा तिवारी, प्रकाश देशमुख और अंकिता मिश्रा का विशेष सहयोग रहा।







