बलरामपुर -रामानुजगंज /कोरोना वायरस या कोविड19 के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित है तथा लॉकडाउन से लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जहां एक ओर कोविड19 के वैश्विक प्रसार ने चिंताएं बढ़ाई है, वहीं जिले से राहत भरी खबर है , राष्ट्रीय आजीविका मिशन की स्व सहायता समूह की महिलाएं और बैंक सखियाँ लोगों की हरसंभव मदद कर रही है और इस संकट के समय जीवनदूत तथा स्वच्छतादूत बनकर सामने आई है। महिलाएं खाद्य सामग्रियां, सब्जियां, दवाई ,मास्क तथा बैंकिंग सुविधाएँ घर के दरवाजे पर उपलब्ध करवा रही है ।
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि महिलाओं ने संकट की इस घड़ी में दुर्गम क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य किया है । चलित बिहान मार्ट के माध्यम से राष्ट्रीय आजीविका मिशन की स्व सहायता समूह की इन महिलाओं ने खाद्य सामग्रियों की घर पहुंच सेवा उपलब्ध करवाने का बेड़ा उठाया है । साथ ही साथ वे घरों में कोरोना से बचाव हेतु वॉशेबल मास्क तैयार कर स्वच्छता का संदेश भी दे रही है। वहीं इन क्षेत्रों में बैंक सखियाँ वृद्धा पेंशन, रोजगार गारंटी योजना तथा प्रधानमंत्री जन-धन खाताधारकों को बैंकिंग सुविधा का लाभ पहुंचा रही है। प्रशासन भी महिलाओं के कार्यो की सराहना कर रही है तथा उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है । बिहान मार्ट जिले के सभी विकासखंडों में संचालित है, अब तक चलित बिहान मार्ट ने 401 परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया है जो निरंतर जारी है। बैंकिंग सखियां भी बैंकिंग सुविधाओं को विस्तार देते हुए ग्रामीण क्षेत्रो तक अपनी सेवाएं पहुंचा रही है । इस अवधि में बैंक सखियों ने 1602273 रुपए का लेनदेन कर खाताधारकों को बैंकिंग सेवाएं डोर टू डोर उपलब्ध करवाई है। स्व सहायता समूह की बहनों ने सुदूर वनांचलों तक कोरोना से बचाव तथा स्वच्छ्ता को बढ़ावा देने के लिए मास्क निर्माण को गति दी है । ग्रामीण क्षेत्रो में भी कोरोना से बचाव के साधनों की कमी न हो इसलिए आजीविका मिशन की 53 महिलाएं 24986 वॉशेबल मास्क तैयार कर चुकी है । 15697 मास्क जनपद पंचायतों, दवाई दुकानों, सार्वजनिक एवं निजी संस्थाओ को विक्रय किया गया है तथा आवश्यकतानुसार मास्क की आपूर्ति की जारी है। सहायता का दायरा बढ़ाते हुए आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु ग्राम संगठन स्तर पर उपलब्ध आपदा राहत कोष का भी उचित उपयोग किया जा रहा है । इस कोष से प्राप्त राशि से अति गरीब परिवारों तथा निःशक्तजनों की निरंतर सहायता की जा रही है। आपदा राहत कोष से 1735000 रुपए की राशि 22 ग्राम संगठनों के 230 महिला सदस्यों को खाद्य सामग्री, दवाइयां तथा अति आवश्यक सेवाओं की पूर्ति हेतु प्रदान की गई है । मानवता की रक्षा के महिलाओं ने मोर्चा संभाला है तथा वे प्रथम पंक्ति में खड़े होकर इस युद्ध का नेतृत्व कर रही है। कोरोना के कारण उपजी इस संकटमय परिस्थिति में शासन-प्रशासन द्वारा अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाने के संकल्प को पूरा करने में इन महिलाओ का योगदान अतुलनीय है। जीवन रक्षा के इस पुनीत कार्य के प्रति समर्पित महिलाएं जीवनदूत की वास्तविक पर्याय है।

