

नई दिल्ली। भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के नेताओं से कहा है कि वो कोरोना महामारी को सांप्रदायिक रंग न दें। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि वो कोई ऐसा बयान न दें, जिससे समाज में विभाजन की आशंका बढ़े। नड्डा का ये बयान उस सयय आया है, जब देश भर में तबलीगी जमात से जुड़े करीब 500 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक नड्डा ने ये बातें राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए। इस वक्त हर किसी को प्रधानमंत्री के कदमों का समर्थन करना चाहिए। इसके अलावा हर किसी को राज्य सरकार का भी समर्थन करना चाहिए चाहे सत्ता में कोई भी हो। बैठक में भाग लेने वाले एक नेता ने कहा कि पहले से ही इस दिशा में हमें कहा गया है कि हमारे पास राष्ट्र का नेतृत्व करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। वायरस और बीमारी ने दुनिया भर में सभी को संवेदनशील बना दिया है, किसी को भी कोई भी ऐसे बयान या टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो उत्तेजक हो। तबलीगी जमात का मुद्दा सामने आने पर ये दोहराया गया कि किसी को भी इसे सांप्रदायिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। अल्पसंख्यक समुदाय के नेता ही अगर चाहे तो उस पर टिप्पणी कर सकते हैं, हमें वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना होगा। बता दें कि निजामुद्दीन मरकज का मुद्दा आने के बाद सोशल मीडिया पर कई हैश टैग ट्रेंड होने लगे थे, जिसमें कोरोना जिहाद और मरकज का षड्यंत्र जैसी बात लोग लिख रहे थे। इसके अलावा बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कोरोना को एक खास धर्म से जोड़ा था। इसके अलावा और भी कई नेताओं ने बयान दिया था।







