कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज अता करने के लिए जुटी भीड़ को हटाने गई पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी हुई। जानकारी के मुताबिकअ हमलावर भीड़ जुटाने से रोकने गए दारोगा आनंद पांडेय की हत्या करने पर उतारू हो गए थे। हमलावरों ने आनंद का गला दबाया और वर्दी फाड़ डाली। दारोगा किसी तरह मौके के हटे और पुलिसबल को बुलाने के लिए सूचना दी। मामले में 25 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट, जान से मारने की धमकी, सरकारी काम में बाधा, सेवन क्रिमिनल ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने 11 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस दौरान बिना अपनी जान की परवाह किए कोरोना के खतरे से लड़ रहे पुलिसकर्मियों का गला दबाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी। जानकारी के मुताबिक कजियाना इलाके में पुलिस पर हमले का षडयंत्र पहले से ही रच लिया गया था। घरों में पहले ही सामूहिक नमाज पढ़ने की योजना के साथ ही छतों पर ईंट-पत्थर इकट्ठे कर लिए गए थे, ताकि अगर पुलिस आए तो उसपर हमला किया जा सके। पुलिस ने हमले के बाद जब ड्रोन से इलाके की जांच की तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई। एलआइयू के हेड कॉन्स्टेबल राजवीर को एक घर के अंदर से लोगों की आवाज सुनाई दी तो उन्होंने बाहर बैठी महिलाओं से पूछताछ की। जब महिलाओं ने आनाकानी की तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की तो चारों ओर से पत्थर चलने लगे। हमले की जानकारी मिलने पर डीएम राकेश कुमार मिश्र, एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम गजेंद्र सिंह, सदर एसडीएम शैलेश कुमार, सीओ सिटी श्रीकांत प्रजापति, अडिशनल एसपी विनोद कुमार, कोतवाल नागेंद्र पाठक पुलिस बल के साथ पहुंचे तो हमलावर घरों में छिप गए। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और दीवारों के सहारे घरों में घुसकर हमलावरों को बाहर निकाला। बाद में सामने आया कि हमलावरों ने महिलाओं को बाहर इसलिए बैठाया था, ताकि वे पुलिस के आने की जानकारी दे सकें।

