

दुर्ग- कोरोना वायरस को महामारी घोषित करते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों तक लाॅकडाउन की घोषणा की है। उसी क्रम में पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी लाॅकडाउन की स्थिति है। फलस्वरूप पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में न्यायालयीन कार्य पूर्णतः बंद है, जिसका असर दुर्ग जिला न्यायालय में भी निजी प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं पर दिखाई दे रहा है। सामाजिक संगठन आगाज़ के केंद्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश तिवारी ने जानकारी दी है कि संगठन के संज्ञान में अनेक अधिवक्ता साथी इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। मकान किराया, भोजन, दवाइयां तथा परिवार के जीवन यापन के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में भी अक्षम है, ऐसी स्थिति में दुर्ग जिला न्यायालय के जरुरतमंद अधिवक्ताओं के लिए एक अधिवक्ता सहायता कोष की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है, इस आशय की जानकारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को भी पत्र लिखकर भेजा गया है। जरुरतमंद अधिवक्ताओं की सहायता के लिए एक आवश्यक पहल करते हुये सामाजिक संगठन आगाज के केंद्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश तिवारी ने 11000/-रु. (अक्षरी ग्यारह हजार रुपये) की राशि चेक के माध्यम से दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ के खाते मंे जमा किया है।
जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अभी कुछ ही दिनों पहले दुर्ग न्यायालय में अधिवक्ताओं ने एक आंदोलन किया था, जिसमें दुर्ग के अधिवक्ताओं ने अपने सम्मान एवं स्वाभिमान की रक्षा के लिए एवं आंदोलन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिवक्ता संघ की एक छोटी सी अपील पर आंदोलन स्थल पर ही लाखों रुपए एकत्रित किये थे। वर्तमान में अधिवक्ताओं के ऊपर जीवन यापन का संकट है, ऐसी स्थिति में एक मार्मिक एवं विनम्र अपील अधिवक्ता संघ दुर्ग को जारी करनी चाहिए। हमारे दुर्ग जिला न्यायालय में ऐसे भी अधिवक्ता है, जो आर्थिक रूप से काफी संपन्न है और अनेक अधिवक्ता सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों से जुड़े हैं, अगर वे सभी मिलकर आगे आएं और अपने-अपने स्तर पर आर्थिक सहयोग करें तो इस दौरान अधिवक्ताओं के आर्थिक संकट को काफी हद तक दूर किया जा सकता है और अधिवक्ता सहायता कोष बनाकर आवश्यकतानुसार जरूरतमंद अधिवक्ताओं की मदद की जा सकती है।








