

गांवों में तैयार हो रहे मशरूम, मखाना फसल उत्पादन, बीज उत्पादक और ट्रायकोडर्मा उत्पादक समूहrnराजनांदगांव। गांवों के परंपरागत गौठानों से गोबर इक्कठा कर पुराने तरीके से खाद बनाने और कंडे बनाने में उपयोग किया जाता है। राज्य सरकार की नई महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत विकसित गौठानों और गौठान गांवों में किसानों की भलाई के लिए मल्टी एक्टिविटी गतिविधियां शुरू हो गई है। गौठानों में अब किसान समूहों द्वारा उन्नत तरीके से खाद तैयार करने का काम किया जा रहा है। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट खाद और नाडेप खाद तैयार कर किसान समूहों को लाभान्वित किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं के माध्यम से गौठान गांवों में किसान समूहों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाया जा रहे हैं। जिसमें मशरूम उत्पादक समूह, मखाना फसल उत्पादन, बीज उत्पादक समूह एवं ट्रायकोडर्मा उत्पादक समूह शामिल हैं। आदर्श गौठान ग्रामों में मशरूम उत्पादन करने वाले किसान समूह तैयार कर मशरूम उत्पादन एवं विपणन संबंधी प्रशिक्षण कृषि विभाग द्वारा दिया जा रहा है। मशरूम के विपणन के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी है। जिसका मुख्य उद्देश्य महिला किसानों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। इस कड़ी में आदर्श गौठान गांवों में बीज उत्पादक समूह तैयार कर विभिन्न फसलों का बीज उत्पादन फसल प्रदर्शन के माध्यम से किया जा रहा है। विकासखंड राजनांदगांव के गौठान ग्राम मोखला, सलोनी, विकासखंड चौकी के गौठान गांव पीपरखार में 6 एवं 7 फरवरी 2020 को किसान समूहों का प्रशिक्षित किया गया है।rnएक्सटेंशन रिफार्म्स ‘आत्मा’ योजना के अंतर्गत आदर्श गौठान मोखला विकासखंड राजनांदगांव में मखाना फसल उत्पादन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मखाना बहुउपयोगी एवं पौष्टिक आहार के रूप में उपयोग किये जाने वाली फसल है, जिसका आर्थिक मूल्य भी अन्य फसलों की तुलना में काफी अधिक होने के कारण काफी लोकप्रिय है। मखाना फसल का विक्रय मूल्य 8 हजार रूपए प्रति कि्ंवटल होने के कारण किसानों में इसकी खेती के लिए काफी उत्सुकता देखी जा रही है। आने वाले समय में मखाना फसल का क्षेत्र विस्तार जिले में किया जाएगा।rnकृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत फसल प्रदर्शन का आयोजन आदर्श गौठान गांवों में किया गया है। साथ ही बीज उत्पादक समूह तैयार कर फसल प्रदर्शन का पंजीयन बीज निगम के माध्यम से किया गया। बीज उत्पादक समूहों को प्रति कि्ंवटल 500 रूपए अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। साथ ही भविष्य में किसानों को उच्चगुणवत्ता के बीज गांव में ही उपलब्ध हो जाएगा।rnआदर्श गौठान गांवों में ट्रायकोडर्मा के उत्पादन के लिए कृषि विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसमें कृषक समूहों के माध्यम से गौठान में ही ट्रायकोडर्मा उत्पादन कर बीज एवं भूमि उपचार के लिए ट्रायकोडर्मा उपलब्ध हो पाएगा। ट्रायकोडर्मा एक जैविक फफूंदनाशक है, जो मृदा जनित एवं बीज जनित रोगों के नियंत्रण में काम आता है। ट्रायकोडर्मा का उपयोग अपनी खेती में करके एवं इसका विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण एवं अभियान चलाया जा रहा है।rnआदर्श गौठान गांवों को मल्टीलेबल एक्टिविटीज सेन्टर के रूप में विकसित कर हर वर्ग के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से आने वाले समय में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चलाने की कार्य योजना कृषि विभाग द्वारा बनाई गई है।







