
बिलासपुर। सरकार धान खरीदी में पारदर्शिता के लाख दावे करें किंतु संग्रहण केंद्रों पर बैठा पुराना स्टाफ अपनी आदत से मजबूर है एक तरफ मंत्री छतौना के केंद्र पर नमी और टोल के अंतर को लेकर निलंबन की कार्यवाही करते हैं तो दूसरी तरफ जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर दूर नगर निगम क्षेत्र के अंदर मोपका खरीदी केंद्र पर फर्जी रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है यह एक ऐसा केंद्र है जहां पर महिला ऑपरेटर के निर्देश पर बसंत लाल डेहरिया 1 से 2 महीने के मैनुअल रिकॉर्ड को एक ही दिन पूरा करना चाहते हैं जब किसान आता है तब ना तो रजिस्टर पर उसका नाम दर्ज करते हैं और ना ही अन्य कॉलम में किसी तरह की खाता मेंटेन करते हैं जिस दिन विपणन कार्यालय से बुलौआ आ जाता है रात दिन एक कर के पूरे रजिस्टर को एक ही दिन में कंप्लीट कर लेते हैं और इस तरह कंप्यूटर रिकॉर्ड से मैनुअल रिकॉर्ड अक्षर शह मिलान हो जाता है जब हमने पूरे दिन के रजिस्टर को एक ही दिन डेहरिया को भरते देखा और पूछना चाहा कि भैया अच्छा होता कंप्यूटर से प्रिंट निकाल लेते और रजिस्टर के पेज पर चिपका देते हैं आपका समय बचता तो डेहरिया जी ने हम को धमकाया और कहा कि ऑफिस से जाने के बाद मैं कुर्सी तोड़लुगा, कंप्यूटर पटक दूंगा और तुम्हारे खिलाफ इलेक्ट्रिसिटी का मामला दर्ज करा कर शासकीय काम में हस्तक्षेप का आरोप अलग लगा दूंगा फिर यह भी मत भूलना कि मेरे केंद्र में महिला ऑपरेटर है ऐसी ऐसी शिकायतें कराऊंगा की शहर छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिखेगा मैंने धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं अच्छे-अच्छे सीएम आए और चले गए डेहरिया वहीं बैठा है डेहरिया जी के प्रवचन को सुनकर हमने केंद्र से हट जाना मुनासिब समझा दो दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी और खाद्य विभाग के जो अधिकारी ने इसी केंद्र का निरीक्षण किया था तौल और नमी में अंतर के बावजूद मानवीय आधार पर उसे अनदेखा भी किया था इस तरह के निरीक्षण के कारण केंद्र पर कार्यरत स्टाफ अपने को राजा समझते हैं।
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