नई दिल्ली । निर्भया के साथ दरिंदगी के दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को न्यायमूर्ति आर। भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। मुकेश ने राष्ट्रपति के 17 जनवरी को दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी है। इससे पहले निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को 32 वर्षीय मुकेश सिंह की दया याचिका अस्वीकार कर दी थी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआरगवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘यदि किसी व्यक्ति को फांसी पर लटकाया जाना है तो इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।’
पीठ ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को एक फरवरी को फांसी दी जानी है तो एक सर्वोच्च प्राथमिकता का मामला है। पीठ ने सिंह के वकील से कहा कि वह मामलों के उल्लेख के लिए नियुक्त अधिकारी के पास जाएं, क्योंकि फांसी देने की तारीख एक फरवरी निर्धारित है। पीठ ने कहा, ‘फांसी पर अमल का मामला सर्वोच्च प्राथमिकता का होगा।’ अदालत ने 2012 के इस जघन्य अपराध में चार मुजरिमों को एक फरवरी को सवेरे छह बजे फांसी पर लटकाने के लिए आवश्यक वारंट जारी किया है।
मुकेश कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका शीर्ष अदालत में खारिज होने के बाद उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी। न्यायालय ने एक अन्य दोषी अक्षय कुमार की सुधारात्मक याचिका भी खारिज कर दी थी। इस मामले में दो अन्य दोषियों – पवन गुप्ता और विनय कुमार शर्मा ने अभी तक शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर नही की है।

