

जिला पंचायत सीईओ ने मीटिंग में नोडल अधिकारियों से पूछा किस तरह की आजीविकामूलक गतिविधि चला रहे गौठान मेंrn नोडल अधिकारियों ने बताया कि गौठानों में बन रहे गमले, झाड़ू, साबून, कैरी बैग आदिrnदुर्ग. जिला पंचायत सभागार में आज ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए मैराथन बैठक आयोजित हुई। बैठक का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा गौठानों में चल रही गतिविधियों को लेकर था। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने गौठानों में काम कर नोडल अधिकारियों को कहा कि नरवा-गरवा-घुरूवा-बाड़ी योजना के साथ ही गौठानों में काम कर रहे स्वसहायता समूहों को अधिकतम आजीविकामूलक गतिविधियों के अवसर उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए आप सभी ने अपने ग्रामीण परिवेश के अनुरूप आजीविकामूलक गतिविधियों का चुनाव किया होगा, इस पर काम करने के साथ ही मार्केट लिंकेज एवं इसे प्रभावी रूप से आगे बढाना आगामी समय में आपका दायित्व होगा। अधिकारियों ने बताया कि गौठानों में कंपोस्ट खाद के अतिरिक्त गमला निर्माण, झाड़ू निर्माण, साबून निर्माण जैसी गतिविधियां हो रही हैं। इनके लिए मार्केट लिंकेज किया गया है। परिवेश की जरूरतों के अनुरूप प्रोजेक्ट लिए जा रहे हैं। इस बात का ध्यान भी रखा जा रहा है कि हर गौठान में अलग तरह की गतिविधियां हों और गतिविधियां दोहराई न जाए ताकि स्वसहायता समूहों को आरंभिक दौर में प्रतिस्पर्धा का सामना न करना पड़े और उनकी आर्थिक गतिविधियां बेहतर रूप से जड़े जमा सकें। सीईओ ने प्रशिक्षण की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण सबसे अहम पक्ष है जितना बेहतर प्रशिक्षण होगा और बाजार की संभावनाओं के बारे में बताया जाएगा, मार्केट लिंकेज अच्छा होगा, स्वसहायता समूह उतना ही बेहतर कार्य करने उत्साहित होंगे। सीईओ ने गौठानों में पैरासंग्रहण की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी ग्रामीणों को पैरादान के लिए उत्साहित करें, ग्रामीण इसमें रुचि ले रहे हैं। कहीं-कहीं जहां पैरादान में पीछे हैं वहां नोडल अधिकारियों द्वारा उत्साह में कमी लक्षित हो रही है। इसकी मानिटरिंग की जा रही है। नरवा-गरवा-घुरूवा-बाड़ी योजना सबसे अहम योजना है। कार्य में लापरवाही किये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीईओ ने मनरेगा संबंधी कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि स्कूलों में किचन गार्डन, रेनवाटर हार्वेस्टिंग कार्य, ग्रामीण उद्यान आदि कार्यों के संबंध में तेजी से कार्य करें।







