
भिलाई । आगामी14 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में निकलने वाली रैली पर गुटबाजी का साया मंडरा रहा है। इस रैली का आयोजन भाजपा का संगठन खेमा कर रहा है और 30 दिसंबर को दुर्ग में सांसद विजय बघेल की रैली के मुकाबले ज्यादा भीड़ जुटाने की तैयारी चलनेे से गुटबाजी का संकेत साफ दिखाई दे रहा है। इन दिनों रैली को सफल बनाने के लिए भापजा और भाजयुमों के मंडल स्तरीय बैठके ली जा रही है और इशारे ही इशारे में पदाधिकारियों को संगठन के वरिष्ठ नेता यह सख्त निर्देश दे रहे हैं कि वे अधिक से अधिक भीड़ लाये।
अभी दुर्ग को भाजपा का गढ कहा जाने वाला आज दुर्ग जिला विधानसभा और निकाय चुनावों में लगातार हार के बावजूद भिलाई-दुर्ग में भाजपा की आपसी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। गुटबाजी का ताजा मामला नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में 14 जनवरी को भिलाई में होने वाली रैली को लेकर नजर आने लगा है।
इससे पहले इसी मसले पर सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में 30 दिसंबर को दुर्ग के पंडित रविंकर शुक्ल स्टेडियम में रैली का आयोजन किया जा चुका है। भाजपा संगठन की बेरुखी के बावजूद भीड़ के लिहाज से सांसद बघेल की रैली सफल रही। कथित रूप से इससे संगठन खेमा को जोर का झटका लगा है। चर्चा है कि अब उसी झटके का जवाब संगठन खेमा 14 को भिलाई में होने वाली रैली को भीड़ के लिहाज से सफल बनाकर सांसद खेेमे को जवाब देने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार 14 जनवरी को भिलाई जिला भाजपा द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली निकालने जा रही है। इस रैली में भिलाई जिला के अंतर्गत आने वाले सभी 10 मंडल से कार्यकर्ताओं के साथ ही जनसमुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराने की कवायद तेज है। रैली से पहले भाजपा के कार्यकर्ता पावर हाउस आईटीआई के पास मैदान में एकत्रित होंगे। इसके बाद रैली की शक्ल में सभी खुर्सीपार के मंगल भवन में पहुंचेंगे। यहां पर रैली को केन्द्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो सम्बोधित करेंगे। इस आयोजन को लेकर जिस तरीके से भाजपा संगठन की तैयारी चल रही है, उसमें आपसी प्रतिद्वंदिता साफ तौर पर नजर आ रही है।
दरअसल भजापा में इन दिनों गुटबाजी चरम पर है। एक तरफ राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के नेतृत्व में संगठन खेमा अपनी गतिविधि में लगा हुआ है तो दूसरी तरफ लोकसभा सांसद विजय बघेल बिना संगठन के सहयोग से राजनीतिक व पार्टीगत गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इस गुटबाजी के चलते निगम चुनाव में टिकट वितरण में भी सांसद बघेल की पसंद को भाजपा संगठन ने कोई तवज्जो नहीं दी। इससे पहले संगठन चुनाव में भी विजय बघेल समर्थकों की दावेदारी को एकदम से दरकिनार कर दिया गया। इस बात पर न केवल सांसद बघेल पूर्व मंत्रीद्वय प्रेमप्रकाश पांडेय, रमशीला साहू एवं विधायक विद्यारतन भसीन ने खुलकर नाराजगी जता चुके हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि गुटबाजी के चलते ही विधानसभा के बाद अब निकायों के चुनाव में भिलाई-दुर्ग से भाजपा रसातल पर जा पहुंची है। बावजूद इसके अब नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन रैली में भी गुटबाजी का साया नजर आना भाजपा आलाकमान के लिए सोचनीय हो सकता है।

