राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के बॉलीवुड एक्टर नत्थु दादा नहीं रहे। उनकी जिंदगी गरीबी से गुजर रही थी। अमिताभ, धमेन्द्र, राजकपूर जैसे सुपरस्टार के साथ वे काम कर चुके थे। मेरा नाम जोकर से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले इन्होंने 150 से भी अधिक फिल्मों में काम किया था।


नत्थू दादा को दारा सिंह ने भिलाई में एक हाथ से ही उठा लिया था. बात है सन 1969 की, तब भिलाई में आयोजित फ्री स्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में नत्थू दादा अपने साथी के कहने पर दारा सिंह को देखने गए थे। नत्थू दादा स्टेडियम में जमा भीड़ देखकर ही घबरा गए। अपने छोटे कद की वजह से नत्थू दादा को लगा कि वे दारा सिंह को नजदीक से नहीं देख पाएंगे लेकिन वे किसी तरह अखाड़े के पास पहुंच गए। कुश्ती भी समाप्त होने वाली थी। थोड़ी देर में दारा सिंह ने विपक्षी पहलवान को हरा दिया। इसके बाद रुस्तमे हिंद अखाड़े में चारों ओर घूमकर लोगों से हाथ मिलाने लगे। तभी उनकी नजर दो फीट के नत्थू दादा पर पड़ी। दारा सिंह ने तुरंत नत्थू को एक हाथ से उठा लिया। वो भी इस तरह की पूरी भीड़ को नत्थू दादा नजर आने लगे। दारा सिंह का एक हाथ दर्शकों का अभिवादन स्वीकारते हुए हवा में लहरा रहा था तो दूसरे पर नत्थू दादा लटके हुए थे।नत्थू दादा की सांसें अटकी हुई थीं कि कहीं दारा सिंह उन्हें हवा में न उछाल दें पर हिंदी फिल्मों के पहले एक्शन हीरो ने उन्हें गले से लगा लिया। नत्थू दादा की उनसे कुछ बातें भी हुईं। कुश्ती खत्म होने के बाद दारा सिंह ने नत्थू को अपने साथ मुंबई चलने को कहा।नत्थू दादा तुरंत तैयार हो गए और अगली सुबह वे दारा सिंह के बांद्रा स्थित निवास पर थे। इस घर को बाद में दारा सिंह ने बेच दिया था।
राजकपूर से मुलाकात
मुंबई पहुंचने के दो दिनों बाद दारा सिंह ने नत्थू दादा को शो मैन राज कपूर से मिलवाया। राजकपूर मेरा नाम जोकर बनाने की योजना बनाने में लगे थे। नत्थू दादा को देखकर वे खुश हो गए क्योंकि फिल्म में उन्हें छोटे कद के आदमी की जरूरत थी। नत्थू दादा की किस्मत खुल गई अब वे दारा सिंह के घर से राज कपूर के चेंबूर वाले बंगले के मेहमान हो गए। इस तरह मेरा नाम जोकर नत्थू दादा की पहली फिल्म रही जिसमें उन्हें छोटा जोकर बनाया गया था। इसके बाद दादा ने राजकपूर की चार-पांच फिल्मों में जोकर कर रोल अदा किया।
दारा ने जोड़ा था नत्थू के आगे दादा
राजनांदगांव से 8 किमी दूर रामपुर में रहनेवाले नत्थू रामटेके को नत्थू दादा का नाम भी दारा सिंह ने ही दिया। मेरा नाम जोकर की शूटिंग के दौरान दारा सिंह ने उनके नाम के आगे दादा जोड़ा। नत्थू दादा बताते हैं कि दारा सिंह खुशमिजाज थे। हमेशा हंसते रहते थे। जब वे उनके घर पर रुके तो उन्हें कहीं से नहीं लगा कि किसी स्टार के घर पर हैं। दारा सिंह का तब बालीवुड में खासा रुतबा था। उनके साथ हमेशा दो व्यक्ति चलते थे जो काजू- किशमिश और बादाम का पैकेट लिए रहते थे। दारा सिंह हर आधे घंटे में उन पैकेटों से काजू-किशमिश निकालकर खाते थे।
तीन फिल्मों में साथ किया काम
नत्थू दादा ने बताया कि उन्होंने दारा सिंह के साथ तीन फिल्मों में काम किया है। मेरा नाम जोकर के अलावा दूसरी फिल्म पंजाबी में बनी दुख भंजन तेरा नाम और तीसरी का नाम अब नत्थू दादा को याद नहीं है। नत्थू दादा ने लगभग 20 साल के अपने फिल्मी सफर में 150 फिल्मों में काम किया है।