संगठन रहेगा राजनीति से दूर, आम जनता की समस्याओं का निपटारा तत्काल
भिलाईनगर। हर जरूरतमंद की मदद और आम जनता की समस्या का समाधान करने के लिए छत्रपति शिवाजी सेना का उदय होने जा रहा है। संगठन किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं बल्कि आम जनता की सुख-दुख की परेशानी को दूर करना मूल उद्देश्य है।
छत्तीसगढ़ शिव सेना के संस्थापक भरत गौर ने बताया कि अविभाजित मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र से अधिकृत शिवसेना का गठन सन 1987 को किया गया। शिवसेना के बैनर तले सामाजिक रचनात्मक कार्यों के साथ-साथ 1988 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के खिलाफ उपचुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा किया जिसने सम्मान जनक मत पाकर दूसरे नंबर में रहते हुए अपनी जमानत बचाई। उन्हें लगभग 21, 500 मत मिले। अन्य पाटियों की जमानत जप्त हो गई थी। श्री गौर ने आगे बताया कि संगठन द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर, गरीब बेटियों की शादी में मदद, लावारिस शव को दफनाने के लिए मदद, गरीब बस्तियों में समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर, गरीबों को कंबल वितरण करना एवं शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में मनमानी पर बड़ा आंदोलन किया गया था। श्री गौर ने आगे कहा कि गणेश विसर्जन, मां दुर्गा विसर्जन में पूरे शहर की समितियों को एक मार्ग में चलने का भी प्रयास किया गया। सन 1988 में डोंगरगढ़ पदयात्रा की शुरुआत शिवसेना के 201 लोगों द्वारा की गई। श्री गौर ने बताया कि हम छत्रपति शिवाजी सेना का गठन इसलिए करना चाहते हैं कि आज लोग मात्र राजनीति कर रहे हैं। समाज में जनता की मूलभूत समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए हमने सोचा कि शिवसेना के तर्ज पर ही छत्रपति शिवाजी सेना का गठन किया जाए ताकि संपूर्ण छत्तीसगढ़ में विस्तार कर जनता को उनकी मूलभूत समस्याओं से निदान दिला सके।

