रायपुर. मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल ने आज यहां न्यू सर्किट हाऊस के सभाकक्ष में प्रदेश के सभी संभागायुक्त और कलेक्टरों की बैठक के द्वितीय सत्र में राज्य के 10 आकांक्षी जिलों की समीक्षा कर योजना के सूचकांकों पर बेहतर कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्य सचिव ने आकांक्षी जिलों के सूचकांकों पर जोर देते हुए कहा कि इसके मुख्य बिन्दुओं स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना पर विशेष तौर पर कार्य किया जाए। इसमें अपेक्षित प्रगति लाने के लिए सबंधित विभागों में आपसी समन्वय और बेहतर तालमेल से कार्य करना जरूरी है।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि देश के कुल 112 जिलों में से छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में कोण्डागांव, सुकमा और उत्तर बस्तर(कांकेर) का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर है। उन्होंने शेष सात अन्य जिलों के संभागायुक्त, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि समय-समय पर प्रगति की समीक्षा करते रहें और लक्ष्य को समय पर पूर्ण करें। इसके तहत स्वास्थ्य तथा पोषण के लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर ग्राम स्तर पर समन्वय से कार्य करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि संस्थागत प्रसव शत-प्रतिशत हो। इसके अलावा जिले के दूरस्थ तथा अंदरूनी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा नागरिकों को दिलाना सुनिश्चित करें। इसमें विशेषकर गर्भवती माता को चिन्हित कर तथा बच्चों के कुपोषण जैसी समस्या को दूर करने के लिए योजनाओं का बेहतर ढ़ंग से क्रियान्वयन करें। लोगों की सुलभ शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने वालों को प्रोत्साहित करें और कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दे। कौशल विकास व्यक्ति के शैक्षणिक स्तर और उनकी रूचि के अनुरूप प्रदान किया जाए ताकि वे भविष्य में स्वयं का रोजगार स्थापित कर सके।
मुख्य सचिव श्री मंडल ने आकांक्षी जिलों के विकास के लिए कृषि तथा जल संसाधन के सूचकांक पर भी चर्चा की। समीक्षा बैठक में कलेक्टरों से कहा गया कि वे फसल कटाई के बाद तत्काल रवी फसल कार्यक्रम की समीक्षा करें। समितियों में रबी फसल के लिए बीजों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण और किसानों को उसका समय पर वितरण सुनिश्चित करें। उद्यानिकी फसलों की जहां संभावना है, वहां बीज की मांग कर लें। सार्वजनिक बाड़ियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए और वहां जो बीज बांटे उसका सही ढ़ंग से उपयोग हो। बाड़ी फसलों का उत्पादन कलस्टर में किया जाए। बाड़ियों में बेहतर फसल उत्पादन के लिए हर जिलों में मालियों को प्रशिक्षित किया जाए। मुख्य सचिव श्री मंडल ने आकांक्षी जिलों के समन्वित विकास के लिए वहां आवश्यतानुसार अधोसंरचना संबंधी विकास तथा निर्माण कार्यो के लिए विशेष जोर दिया।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास श्रीमती रेणु जी पिल्ले, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती निहारिका बारिक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

