बिलासपुर/घुरू/ गोकुल नगर। जब तबादले का कोई डर न हो भूमिका बदले जाने को लेकर निश्चिंतता मिले तब कुछ लोग ज्यादा अच्छा काम करते है और कुछ लोग काम के प्रति बेहद लापरवाह हो जाते है न्यायलय से स्थगन लेकर घुरू कि प्रथमिक शाला में बनी एचएम दुसरे वर्ग को प्रतिनिधित्व करते है शहर के बेहद नजदीक अब तो नगर निगम मे सामिल घुरू कि प्राथमिक शाला में कोर्ट के निर्देश से ही पोस्टिंग मिल रही है इस सत्र में घुरू शाला से दो तबादले हुए दोनों ने भिन्न भिन्न कारण बताकर स्थगन लिया और शाला के शैक्षणिक वातावरण को विषैला कर दिया 4 से 5 माह पुर्व यहाँ पर जो प्रभारी एचएम थे उनके कार्यकाल में शाला कम कांजी हॉउस ज्यादा नजर आती थी इस सत्र के तबादला प्रक्रिया में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उनका तबादला हुआ मानो विधालय कि हवा में ताजगी आ गई कुछ ही दिन में शाला परिसर का रख रखाव बदल गया दिवालो पर रंग रौंगन दिखने लगा और कक्षाओं में जो बोरियत भरा महौल था वह बदल गया कक्षाओं से लेकर स्टाफ रूम तक न केवल पंखे लग गए बल्कि शाला परिसर के भितर झाड़ी और मकड़ी के जले तक साफ़ हो गए किन्तु यह सब बेहद अस्थाई था शाला कि एक शिक्षिका प्रभारी एच एम न बनने से इतनी क्षुब्द हुई कि वे न केवल न्यायलय कि शरण में चली गई बल्कि वहां से स्थगन लेकर प्रभारी एचएम भी बन गई पहला काम स्टाफ रूम का पंखा गुल हुआ शाला परिसर के भीतर बच्चो के मन में पशुओ से डर खत्म हो जाए और प्राणियों के बीच सदभाव बने कि निति का ऐसा पालन हुआ कि परिसर में कुत्ता सुवर और गाए स्थाई रूप से बैठाल लिए गए स्थान स्थान पर दुबारा कचरे को इसलिए रखा जाने लगा कि इन तीनो प्राणियों को खाने कि कोई समस्या न हो कुलमिलाकर शाला दुबारा अपनी उसी पुरानी अवस्था में लौट रही है जहाँ से काफी मशक्कत के बाद निकली थी।
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