राजनांदगांव। स्वच्छता व स्वास्थ्य का गहरा व करीबी रिश्ता है। भारत जैसे देश मे हाथ धुलाई का इसलिए भी महात्त्ता अधिक हो जाती है कि यहां कांटे, चम्मच से कम और हाथ से भोजन करने की संस्कृति और परंपरा है। उपरोक्त बातें मंगलवार को विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर शासकीय किसान उच्चतर माध्यमिक शाला करामतरा के प्राचार्य राजेश शर्मा ने कही। स्कूल में प्रार्थना सभा के बाद विद्यार्थियों को स्वच्छता संबंधी शपथ दिलाई गई और हाथ सफाई को अपनी दिनचर्या में शामिल करने प्रेरित किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि हमे लगता है कि हमारा हाथ साफ है पर साबुन से हाथ धोने पर पता चलता है कि कितनी गंदगी है। उन्होंने कहा कि भोजन के पूर्व व मलत्याग के बाद हर किसी को अपना हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। इसके अभाव में तमाम गंदगी भोजन के साथ पेट मे चली जाती है जो विभिन्न तरह की बीमारियों का कारण बनती हैं।
इस अवसर पर स्कूल के बच्चों के हाथ धुलवाकर काच के गिलास के माध्यम से निकलने वाली गंदगी को प्रायोगिकतौर पर दिखाया गया व साफ सफाई के प्रति हमेशा सजग रहने कहा गया।
इस मौके पर संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता संगीता तिवारी, अर्चना साहू, कमलेश्वरी चंदेल, युगेश्वरी साहू, नीलम सिंह, कुमार राम साहू, किसन सिंग सोरी, राकेश साहू, राम प्रसाद देवांगन, मनीष शर्मा, योगेंद्र सिंह ठाकुर उपस्थित थे।

