गरियाबन्द । सरकार जनता की समस्या को हरसंभव तरीके से खत्म करना चाहती है ,इसीलिए उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर अनेक योजनाओं के माध्यम से जनता को लाभ पहुंचाती है । लेकिन कई योजना कभी कभी लोगों के लिए सिरदर्द का सबब बन जाता है ।
चित्रों में आप देख सकते हैं कि लोग किस प्रकार से नाले में गहरे पानी से होकर गुजर रहे हैं , रोज यहां हजारों लोग गुजरते हैं , जिसमे स्कूली बच्चों से लेकर बीमार ,प्रसव पीड़ित , रोज़मर्रा के काम करनेवाले लोग गुजरते हैं , वर्तमान में पानी कम होने के कारण दिक्कत कम दिख रहा है पर अधिक बारिश होने पर आवागमन पूरी तरीके से अवरुद्ध हो जाता है । जिससे सभी राहगिरों को भारी समस्या होती है । कार्य स्थल में बन रहा पुल जो 3 वर्षों से कछुए की चाल में बनते दिख रहा है । निर्माण कार्य के लिए लगाए गए बोर्ड में स्पस्ट लिखा है कि प्रारंभ 2016 से पूर्ण 11- 2- 2018 में किया जाना था पर 1 वर्ष से अधिक हो जाने पर भी अबतक पुल का निर्माण पूर्ण नही हुआ है । जिसके वजह से राहगीर और आसपास के गांव वाले काफी परेशान हो रहे हैं , प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3,75.18 लाख की लागत से बनने वाली इस पुल को राहुल कंस्ट्रक्शन नामक ठेकेदार द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जिसकी देखरेख में तत्कालीन मुख्यकार्य अभियंता प्रदीप वर्मा विभागीय अधिकारी गरियाबंद थे । इस प्रकार से कछुये की गति से चलने वाली सेतु निर्माण की आखिर लापरवाही किसकी मानी जायेगी ? विभाग की या ठेकेदार की ।

