

अम्बिकापुर. सरगुजा जिले के दूरस्थ वनांचल ग्रामों के किसान शासन के बाड़ी विकास योजना के तहत सब्जी की खेती अपना कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य मैनपाट जनपद के ग्राम पंचायत जजगा निवासी श्री अम्बिका प्रसाद को नरवा,गरवा घुरवा ओर बाड़ी योजना के तहत बाड़ी विकास ने की नई राह दिखाई है। श्री अम्बिका प्रसाद अपने बड़ी में बरबट्टी और भिंडी की बम्पर पैदावार कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भिंडी और बरबट्टी को स्थानीय बाजार में बेचकर करीब 60 हज़ार तक आमदनी मिल जाएगी। श्री अम्बिका प्रसाद ने बताया कि उनके पास कारण 1 एकड़ कृषि भूमि है जिसमे परंपरागत तारीके से मक्का और लकड़ा की खेती करते आ रहे थे, जिससे उन्हें कम आमदनी मिल रही थी। इस खेती से उन्हें परिवार चलाने में कठिनाई हो रही थी। घर मे नगद रुपये नहीं बच रहे थे। इस गर्मी के मौसम में उद्यान विभाग के द्वारा बाड़ी विकास के बारे में बताया गया साथ ही सब्जी की खेती से फायदे तथा सब्जी की खेती के लिए मिलने वाले सहायता की जानकारी दी गई। उद्यानिकी विभाग के बताए मार्गदर्शन के अनुसार बाड़ी विकास कर सब्जी की खेती करने की ठानी। श्री अम्बिका प्रसाद ने बताया कि करीब 0.200 हेक्टेयर में बरबट्टी तथा 0.200 हेक्टेयर में भिंडी की सब्जी लगाया। सब्जी मिनी किट उन्हें उद्यान विभाग द्वारा मुफ्त में दिया गया था। इस प्रकार उन्होंने आसानी से सब्जी की खेती की शुरुआत कर सके और अब आय का बढ़िया जरिया बन गया है। उन्होंने ने बताया की बरबट्टी और भिण्डी से करीब 60 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त होगी। सीतापुर जनपद के ग्राम सोनतराई निवासी लघु कृषक श्री गोहदुल ने बताया कि उनके पास करीब 2 एकड़ कृषि भूमि है जिसमें परम्परागत तरिके से धान एवं गेहूं की खेती करते थे। आय के अन्य साधन नहीं होने के कारण आर्थिक स्थित कम जोर थी। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने पर उन्होंने बाड़ी विकास के बारे में जानकारी दी आम एवं लिची के बगीचे तैयार करवाये। इसके साथ ही सब्जी बीज एवं सीडलिंग उपलब्ध कराया गया। उन्होनंे बताया की उद्यान विभाग के कर्मचारियों के मार्गदर्शन में अंतर्वती फसल अरबी एवं भिण्डी 50-50 डिसमिल में तथा करीब 90 डिसमिल में हल्दी की खेती की। उन्होंने बताया कि इससे करीब 1.50 क्विटल भिण्डी, 2 क्विटल अरबी तथा 3 क्विटल हल्दी का उत्पादन होगा। श्री राम प्रसाद एवं गोहदुल ने बताया कि उद्यानिकी फसल लेकर अपने आर्थिक स्थिति सुदृढ करेंगे तथा सब्जी की खेती के लिए अन्य किसानों को भी प्रेरित करेंगे।








